Evs Full Form

Evs Full Form ईवीएस की सम्पूर्ण जानकारी

क्या आप जानते हे की Evs Full Form क्या है ? ईवीएस (evs) को हम Environmental Studies (पर्यावरण अध्ययन) के नाम से भी जाना जाता है ये एक एजुकेशन और रिसर्च का क्षेत्र हैं इसमें लोगो और छात्रों को पर्यावरण और इंसानो के द्वारा की जाने वाली गतिविधियों के बिच में संबंध और उनको संतुलित यानि बैलेंस करने पर ध्यान केंद्रित करना सिखाया जाता है जिसका मुख्य उदेश्य लोगो और समाज को पर्यावरण संरक्षण के महत्व तथा उसके प्रति जिम्मेदारी का अहसास कराना है। जिससे एक बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सके।

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Table of Contents

Evs Full Form की परिभाषा
EVS क्यों महत्वपूर्ण है?
EVS में अध्ययन के मुख्य विषय
EVS का शिक्षा में योगदान
भारत में EVS की भूमिका
EVS से जुड़े कैरियर ऑप्शन्स
निष्कर्ष

EVS की परिभाषा

पर्यावरण अध्ययन (Environmental Studies) एक बहु-विषयक क्षेत्र है, जिसमें प्राकृतिक संसाधनों, पारिस्थितिकी, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, और पर्यावरण प्रदूषण जैसे मुद्दों का अध्ययन शामिल है।

EVS क्यों महत्वपूर्ण है?

पर्यावरण जागरूकता के लिए
प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण के लिए
पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान के लिए
स्थायी विकास (Sustainable Development) के लिए 

पर्यावरण जागरूकता के लिए: 

इससे हमें ये सिखने में मदद मिलती है की हमारी गतिविधियों का हमारे पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
और ये पर्यावरण को बचाने के लिए हमारी समझ को विकसित करने में सहायता करता है जिसेस हम बेहतर कदम उठा सकते है।

प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण के लिए:

ये हमें हमारे प्राकृतिक संसाधनों जैसे पानी, हवा, मिट्टी, और जैव विविधता जैसे संसाधनों का महत्व समझने में मदद करता है।

पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान के लिए: 

प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वॉर्मिंग, और जंगलों की तेजी से होती कटाई जैसी गंभीर समस्याओं के समाधान के उपाय सिखाता है।

स्थायी विकास (Sustainable Development) के लिए:  

यह टिकाऊ और दीर्घकालिक (Long Term) विकास के तरीकों को अपनाने के लिए जोर देता है।

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EVS में अध्ययन के मुख्य विषय

पारिस्थितिकी (Ecology) :

इकोलॉजी में हमें जीवो और इनके रहने के जगहों यानि आवास के बिच परस्पर संबंधो को अध्यन करने का अवसर मिलता है और ये देखने का भी की आखिर किस प्रकार छोटे छोटे जिव और पेड़ पौधे कैसे अपने आस पास के वातावरण में जैसे की पानी, हवा, मिट्टी, सूरज की रोशनी) के साथ मिलकर रहते हैं।

प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources): 

प्राकृतिक संसाधन एक बड़ा विषय है, जिसमे हमें प्राकृतिक संसाधनों EVS  (natural resources), पारिस्थितिकी (ecology), जलवायु परिवर्तन(climate change), जैव विविधता(biodiversity), और पर्यावरण प्रदूषण जैसे मुद्दों का अध्ययन शामिल है।

पर्यावरण प्रदूषण (Environmental Pollution):  

इस विषय में हमें पढ़ने को मिलता है की प्रदुषण क्या है यह कैसे होता है और इसका हमारे पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है और साथ साथ प्रदुषण के प्रकार, प्रभाव, और प्रदूषण रोकने के उपाय भी देखने को मिलते है।

जलवायु परिवर्तन (Climate Change): 

जलवायु परिवर्तन यानि इंसानी गतिविधयों के कारण लम्बे समय के बाद धरती के मौसमों में हो रहे परिवर्तनों को हम जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के अंतर्गत पढ़ते हैं और इसके अंतर्गत जलवायु परिवर्तन के कारण जैसे की प्राकृतिक कारण (Natural Causes), इंसानी कारण (Human Causes), ओर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव: जैसे ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming), समुद्र स्तर बढ़ना (Sea Level Rise), सामाजिक मुद्दे और पर्यावरण (Social Issues and Environment), अत्यधिक मौसम (Extreme Weather), पारिस्थितिकी तंत्र पर असर, और फसलों पर पड़ने वाले असर का अध्यन करते है।

जैव विविधता (Biodiversity): 

इस सब्जेक्ट के अंदर हम हमरे ग्रह पर मौजूद सभी प्रकार के जिव जंतु पेड़ पौधे और सभी प्रकार के शुक्ष्म जिवो के और पर्यावरण के बिच संबंधो का अध्यन करते है जिसके अंदर प्रजातियों की विविधता के साथ-साथ:
प्रजातियों की विविधता(Species Diversity), जैसे: जंगल में शेर, हिरण, चिड़िया, और पेड़ों की कई किस्में।
आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity), जैसे: आम के अलग-अलग प्रकार (दशहरी, अल्फांसो)।
और पारिस्थितिकीय विविधता (Ecological Diversity), जैसे: जंगल, रेगिस्तान, पहाड़, और महासागर। आदि के बारे में अध्यन करते है।

सामाजिक मुद्दे और पर्यावरण (Social Issues and Environment) 

इस विषय में हम पर्यावरण और समाज के बीच का सम्बन्ध पढ़ते के साथ में सामाजिक मुद्दे जैसे जनसंख्या वृद्धि (Population Growth), गरीबी (Poverty), पर्यावरण शिक्षा (Environmental Education), और पर्यावरणीय समस्याएं जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों की कमी आदि का आदि का अध्यन करते है।

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EVS का शिक्षा में योगदान

आज ईवीएस (EVS) को स्कूल और कॉलेज म अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाता हे जैसे की प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं में और कॉलेज स्तर उच्च शिक्षा में यह पर्यावरण प्रबंधन, संरक्षण विज्ञान, और जलवायु अध्ययन जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता के लिए आधार बनाता है।

भारत में EVS की भूमिका

भारत में EVS की भूमिका
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A(g)

पर्यावरण की सुरक्षा और जैव विविधता का संरक्षण हर नागरिक का मौलिक कर्तव्य है।
और
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
वन संरक्षण अधिनियम, 1980
जल और वायु प्रदूषण निवारण अधिनियम भी इसी से विषय से जुड़े हुए है

शिक्षा नीति में EVS

राष्ट्रीय शिक्षा नीति यानि National Education Policy (NEP) में EVS को प्राथमिक स्तर पर अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया गया है।

EVS से जुड़े कैरियर ऑप्शन्स

पर्यावरण वैज्ञानिक (Environmental Scientist)
वन्यजीव संरक्षक (Wildlife Conservationist)
पर्यावरण अभियंता (Environmental Engineer)
पर्यावरण पत्रकार (Environmental Journalist)
पर्यावरण कानून विशेषज्ञ (Environmental Lawyer) आदि।          
  

निष्कर्ष

EVS (ईवीएस) न केवल हमें पर्यावरण को बचाने के लिए प्रेरित करता है, बल्कि यदि हम इसको अपना लेते है तो ये हमारे भविष्य को सुरक्षित करने के साथ साथ सभी जीवो को एक बेहतर जीवन दे सकता है।

 

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